गृह मंत्री शाह के अरुणाचल दौरे पर चीन को आपत्ति; भारत का जवाब- दखल न दें

ईटानगर.गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश पहुंचे। वह राजधानी ईटानगर में अरुणाचल के 34वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस पर चीन ने आपत्ति जताई। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मीडिया से कहा कि हमने कभी अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी। हम शाह के इस दौरे का दृढ़ता से विरोध करते हैं। भारत-चीन सीमा के पूर्वी क्षेत्र और तिब्बत के दक्षिणी हिस्से पर स्थिति स्पष्ट है। यहां भारतीय नेताओं का दौरा नहीं होना चाहिए। ऐसे दौरों से चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन होता है।

शाह की यात्रा पर चीन की आपत्ति बेवजह

भारत ने चीन के बयान का कड़ा विरोध किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया से कहा कि भारत के नेता नियमित रूप से अरुणाचल की यात्रा करते हैं, जैसा वे भारत के दूसरे राज्य में समय-समय पर जाते हैं। भारत का कोई भी नेता देश के किसी भी राज्य में जा सकता है। अरुणाचल भारत का राज्य है। ऐसे में शाह की यात्रा पर चीन की आपत्ति बेवजह है। चीन हमारे राज्य में दखल न दे। बता दें कि चीन अरुणाचल को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। इसका भारत ने हमेशा से विरोध किया है।

केंद्र का वादा: शाह बोले- पूर्वोत्तर राज्यों से अनुच्छेद 371 नहीं हटाएंगे

अरुणाचल के स्थापना दिवस कार्यक्रम में गृह मंत्री शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कुछ लोग भ्रम फैला रहे थे कि पूर्वोत्तर के राज्यों से भी अनुच्छेद 371 हटा दिया जाएगा। आप ऐसे लोगों की बातों पर विश्वास न करें। केंद्र सरकार अरुणाचल या किसी भी पूर्वोत्तर राज्य से अनुच्छेद 371 नहीं हटाएगी। हम पूर्वोत्तर की संस्कृति बचाने को लेकर कटिबद्ध हैं। साल 2014 से पहले पूर्वोत्तर सिर्फ भौगोलिक, प्रशासनिक रूप से शेष भारत से जुड़ा था, लेकिन मोदी सरकार ने इसे देश के दिल से जोड़ा। हम जब 2024 में आपके पास वोट मांगने आएंगे, तब राज्य सीमा विवाद जैसी समस्याओं से पूर्वोत्तर आजाद हो चुका होगा। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अरुणाचल, मिजोरम को स्थापना दिवस पर बधाई दी। दोनों को 1987 में राज्य का दर्जा मिला था।

अनुच्छेद 371: देश के 11 राज्यों, 4 क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से लागू

  • अनुच्छेद 371: महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा और गुजरात के सौराष्ट्र, कच्छ के लिए विकास बोर्ड बनाने का प्रावधान। हिमाचल में बाहर के लोग कृषि भूमि नहीं खरीद सकते हंै।
  • अनुच्छेद 371ए: नगालैंड में नगा लोगों पर संसद का आदेश लागू नहीं। राज्य के कानून के तहत सजा मिलती है।
  • अनुच्छेद 371बी: असम में लागू। राष्ट्रपति विधानसभा की समितियों में जनजाति सदस्यों को शामिल कर सकते हैं।
  • अनुच्छेद 371सी: मणिपुर में लागू। राष्ट्रपति विधानसभा में पहाड़ी क्षेत्रों से चुने गए सदस्यों की समिति बना सकते हैं।
  • अनुच्छेद 371डी: आंध्र, तेलंगाना में लागू। नागरिक सेवा के पदों पर नियुक्ति के मामलों के लिए ट्रिब्यूनल का गठन।
  • अनुच्छेद 371 ई: आंध्र में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापना।
  • अनुच्छेद 371एफ: सिक्किम में लागू। राज्य के जनजातीय इलाके में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते।
  • अनुच्छेद 371जी: संसद मिजोरम विधानसभा की मंजूरी के बिना मिजो समुदाय के मसलों पर कानून नहीं बना सकती।
  • अनुच्छेद 371 एच: अरुणाचल पर लागू। राज्यपाल चाहें तो विशेषाधिकार से मुख्यमंत्री के फैसले भी रद्द कर सकते हंै।
  • अनुच्छेद 371 आई: यह अनुच्छेद गोवा में लागू है। इसके तहत विधानसभा में 30 से कम सदस्य नहीं हो सकते।
  • अनुच्छेद 371 जे: हैदराबाद-कर्नाटक के 6 जिलों को विशेष दर्जा। स्थानीय लोगों को शिक्षा, नौकरियों में आरक्षण।


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ईटानगर : गृह मंत्री अमित शाह अरुणाचल के 34वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए।


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