(अनिरुद्ध शर्मा) देश की लैब में कोविड-19 की जांच करने वाली पहली स्वदेशी डायग्नोस्टिक किट विकसित की गई है। दावा है कि इससे 10 मिनट में टेस्ट के नतीजे मिल जाएंगे। इस टेस्ट के पहले स्क्रीनिंग की भी जरूरत नहीं होगी। अभी इसे मंजूरी के लिए आईसीएमआर के पास भेजा गया है। अब तक देश की मान्यता प्राप्त विशेष सरकारी व निजी लैब में पीसीआर (पॉलीमर चेन रिएक्शन) तकनीक के जरिए कोविड-19 की जांच हो रही है। इसमें प्रति टेस्ट ढाई हजार रुपए की लागत आ रही है।
वायरस के जीन के दाे हिस्साें की पहचान करती है
साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग से जुड़ी तिरुवनंतपुरम की संस्था श्रीचित्रा इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने तीन हफ्ते में कोविड-19 के जांच की टेस्टिंग किट विकसित की। यह सार्स कोव-2 के एन-जीन की पहचान करने में सक्षम होगी। डीएसटी के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा कि ये किट इस वायरस के जीन के दो हिस्सों की पहचान कर सकेगी। इससे जीन के म्यूटेशन का फौरन पता चल सकेगा।
तीन हफ्ते में हाेगी जिला अस्पतालाें में
इस मशीन की लागत करीब ढाई लाख रुपए आई है और प्रति टेस्ट लागत भी एक हजार रुपए पड़ेगी। अगले तीन हफ्ते से एक महीने के भीतर यह किट जिला अस्पताल स्तर की लैब में टेस्ट के लिए मुहैया कराई जा सकती है।
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