रिसर्चः चमगादड़ों की 1400 प्रजातियों में 3 हजार से अधिक कोरोनावायरस सक्रिय, इबोला और मार्गबर्ग बुखार भी इनसे फैला

अब तक इसका अनुमान लगाया जा रहा है किकोविड-19 का संक्रमण किस जीव के जरिए इंसानों में फैला।कई ऐसे प्रमाण मिले हैं कि संक्रमण फैलाने के लिए चमगादड़ जिम्मेदार हैं। पाम सिवेट्स पक्षियों से सार्स वायरस मनुष्यों में फैला था। इनमें चमगादड़ से यह वायरस आया था। एक अन्य कोरोनावायरस मर्स चमगादड़ से फैला है। हालांकि, इसके ऊंट से मनुष्य में आने के भी सबूत मिले हैं। रिसर्च से यह पता चला है किइबोला और मार्गबर्ग बुखार भी चमगादड़ों से आया है। रैबीज वायरस भी चमगादड़ों की देन है।
चमगादड़ों की एक प्रजाति में एक से पांच किस्म के कोरोना वायरस

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की ट्रेसी गोल्डस्टीन और उनके साथियों ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया में 20 देशों में चूहों, चमगादड़ों, बंदरोंऔर इंसानों में कोरोनावायरस का परीक्षण किया था। चमगादड़ों की एक प्रजाति में एक से पांच किस्म के कोरोना वायरस पाए जाते हैं। अगर 1400 विभिन्न प्रजातियों के हिसाब से देखें तो चमगादड़ों में तीन हजार से अधिक कोरोना वायरस सक्रिय हैं। इसलिए इस नतीजे पर पहुंचा जा सकता है कि मनुष्यों के लिए जानलेवा कोरोना चमगादड़ से ही फैला है।
चमगादड़ में नए वायरस के भरपूर स्रोत होते हैं

लिहाजा सवाल उठना स्वाभाविक है कि चमगादड़ों में ऐसा क्या है कि वायरस उनसे दूसरे प्राणियों में फैल जाता है। कैलिफोर्निया बर्कले यूनिवर्सिटी की डॉ. कारा ब्रुक की रिसर्च में सामने आया है कि कुछ चमगादड़ों का इम्यून सिस्टम अस्वाभाविक होता है। इसमें इंटरफेरॉन पाथवे नामक वायरस विरोधी प्रक्रिया हमेशा चलती है। किसी इंफेक्शन के बिना यह प्रक्रिया चलती रहती है। इससे वायरस तेज गति से विकसित भी होता है। इस कारण अन्य स्तनपायी जीवों की तुलना में चमगादड़ में नए वायरस के भरपूर स्रोत होते हैं।



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चमगादड़ों में इंटरफेरॉन पाथवे नामक वायरस विरोधी प्रक्रिया हमेशा चलती है। इससे नए वायरस को इनके शरीर में विकसित होने का मौका मिलता है।


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