महाराष्ट्रमें कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके मुकाबले बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल में संक्रमण की रफ्तार कम दिखाई दे रही है। बिहार में अब तक 74 मामले आए हैं। राज्य में अब तक 1,72,456 लोगों की स्क्रीनिंग हुई है। हालांकि, अभी केवल 8,834 लोगों के टेस्ट किए गए हैं। यह महाराष्ट्र में अब तक हुए 52 हजार टेस्ट के मुकाबले 83 फीसदी कम है।
आधार डेटा के मुताबिक दोनों राज्यों की आबादी में भी बहुत अंतर नहीं है। बिहार की आबादी 12.3 करोड़ और महाराष्ट्र की 12.2 करोड़ है। वैसे आबादी के लिहाज से दोनों राज्यों के एक फीसदी आबादी की भी जांच नहीं हुई है।
बिहार:74 में से 61 मरीजों की उम्र 40 साल से कम
बिहार में अब तक 46 फीसदी यानी 34 लोग ठीक हो चुके हैं। राजधानी पटना में दो हफ्ते बाद बुधवार को कोरोना का नया केस आया। एक व्यक्ति की मौत हुई है। कुछ विशेषज्ञ इसका कारण संक्रमित मरीजों की उम्र कम होना बता रहे हैं। यहां 74 में से 61 मरीजों की उम्र 40 साल से कम है। उधर, महाराष्ट्र में अब तक 10 फीसदी यानी 295 लोग ठीक हुए हैं। यहां 3081 मामले आए हैं।
उत्तर प्रदेश: 27 हजारलोगों को निगरानी में रखा गया
उत्तर प्रदेश में अब तक773 मामले आए हैं। यहां 69 लोग ठीक हुए हैं। जबकि 13 मौतें हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में 7745 लोगों में कोरोना के लक्षण मिले हैं।कुल 19,506 लोगों के टेस्ट किए गए हैं। यूपी में महाराष्ट्र की तुलना में 62 फीसदी कम टेस्ट किए गए हैं। यहां 47 हजार376 लोगों ने निगरानी की 28 दिन की समय सीमा पूरी की है। अभी 27 हजार090 लोगों को निगरानी में रखा गया हैजबकि 10 हजरा 952 लोग सरकारी सेंटर में क्वारेंटाइन किए गए हैं।
पश्चिम बंगाल: महाराष्ट्र के मुकाबले 96% कम टेस्ट, केवल 3 हजार टेस्ट हुए
पश्चिम बंगाल में अब तक 188 मामले मामले सामने आए हैं। यहां 10 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 51 लोग ठीक हुए हैं। यहांबुधवार तक केवल 3000 टेस्ट हुए थे। यह महाराष्ट्र की तुलना में 96 फीसदी कम हैं। बंगाल में करीब 1000 लोगों के टेस्ट पिछले चार दिन में किए गए। 1 अप्रैल तक यहां केवल 659 टेस्ट किए गए थे। यहां कोरोना का पहला मरीज 18 मार्च को मिला था। राज्य सरकार टेस्टिंग किट की कमी बता रही है।
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