हमने अमेरिका को तोड़ दिया है इसे ठीक करना मुश्किल है; व्हाइट हाउस से उम्मीद नहीं, स्थानीय नेताओं को ही आगे बढ़ाना होगा

पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद 9 नवंबर 2016 को मेरे कॉलम की शुरुआत 80 के दशक में जिम्बाब्वे से आई मेरी एक अप्रवासी दोस्त लेज्ली गोल्डवासर के शब्दों को याद करते हुए हुई थी। कुछ साल पहले राजनीतिक परिदृश्य की पड़ताल करते हुए उन्होंने मुझसे कहा था, ‘आप अमेरिकी देश को फुटबॉल की तरह मारते हो। लेकिन यह फुटबॉल नहीं, रत्नजड़ित अंडा है। आप इसे तोड़ सकते हैं।’

मैंने इसमें जोड़ा, ‘अब डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति बन गए हैं तो मैं इतना डर गया हूं, जितना पिछले 63 साल में नहीं डरा। मुझे डर है कि हम देश तोड़ देंगे, हम ऐसे बंट जाएंगे कि फिर एक न हो पाएंगे और सरकार काम नहीं करेगी।’

मैं अब 66 साल का हो गया हूं और मेरे सारे डर सच हो गए हैं, बल्कि बदतर हो गए हैं। हम एक सांस्कृतिक गृहयुद्ध की तरफ बढ़ रहे हैं। बस इस बार हम खुशकिस्मत नहीं हैं क्योंकि अब्राहम लिंकन राष्ट्रपति नहीं हैं।

लिंकन हमारे सबसे स्याह समय में भी अपनी आत्मा में झांक पाए थे और बोले थे, ‘किसी के प्रति दुर्भावना के बिना, सबके लिए परोपकार के साथ… आओ हम उस काम को पूरा करें जो हमारा है’ और उन्होंने ‘सभी राष्ट्रों और हम सबके लिए न्यायोचित और स्थायी शांति’ स्थापित की। उनकी जगह अब हमारे पास डोनाल्ड ट्रम्प हैं। वह आदमी जिसने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दगवाकर उन्हें हटा दिया, ताकि वह नजदीकी चर्च तक पैदल जाकर हाथ में बाइबिल लिए फोटो खिंचवा सके। उन्होंने ये तस्वीरें सिर्फ श्वेत ईसाइयों का समर्थन हासिल करने के लिए खिंचवाईं।

हम क्या करें? हमें वह नेतृत्व कहां मिलेगा जो स्थिति को शांत करे? तीन साल पहले, मुझे उम्मीद थी कि सीनेट रिपब्लिकन, ट्रम्प को नियंत्रित करेंगे। पर अब हम जानते हैं कि सीनेट रिपब्लिकन्स का गुट एक राजनीतिक गर्त है। मिच मैक्कॉनेल और उनका गुट हर उस व्यक्ति के हाथों बिकने को तैयार है जो सत्ता में बने रहने के लिए रिपब्लिकन के आधार को मजबूत करता हो।

और सोशल मीडिया के नवाबों का क्या? क्या वे उस जहरीले कचरे से हमें बचाएंगे, जो वे अब फैला रहे हैं? फेसबुक के मार्क जकरबर्ग तो बिल्कुल नहीं, जो स्पष्ट रूप से अपनी पीढ़ी के रुपर्ट मर्डोक हैं। वे पैसे के पीछे हैं, उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि उनका प्लेटफॉर्म लोकतंत्र को कितना नुकसान पहुंचा रहा है। तो फिर मदद कहां मिलेगी?

मुझे उम्मीद है कि अमेरिका के सिद्धांतवादी बिजनेस लीडर साथ आकर चर्चा करें, तो कोई रास्ता निकल सकता है। एटीएंडटी के चेयरमैन रैनडाल स्टेफेनसन ने सीएनबीसी के एक कार्यक्रम में बिल्कुल यही कहा। उन्होंने कहा, ‘ हम सभी सीईओज के साथ कई अफ्रीकन-अमेरिकन कर्मचारी काम करते हैं। उनके लिए हमारा फर्ज है कि हम इस मुद्दे पर बोलें और अपने नीतिनिर्माताओं से कहें कि वे कुछ करें।’

बिजनेस कैसे बदलाव ला सकते हैं? उन राजनेताओं को सशक्त कर जो पुलिस सुधारों की बात करते हैं। साथ ही सुविधाहीन इलाकों में काम कर रहे स्थानीय सामाजिक आंत्रप्रेन्योर्स को भी बढ़ावा देना होगा, जो रहवासियों की मदद कर रहे हैं। मैं मिनियोपोलिस से हूं।

मैं नॉर्थसाइड में पैदा हुआ था, जहां से कुछ मील दूर ही जॉर्ज फ्लॉयड को मारा गया। उस इलाके में सुविधाहीन परिवारों के लिए सॉन्ड्रा सैमुअल्स काफी काम कर रही हैं, जो नॉर्थसाइड एचीवमेंट जोन (एनएजेड) की सीईओ हैं। उन्होंने मुझे फ्लॉयड की मृत्यु पर सही प्रतिक्रिया के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हमें लूट, आगजनी और घरों, बिजनेस बर्बाद कर रहे लोगों को रोकना होगा और साथ ही इस पीढ़ी के लिए अधिक गहरे नागरिक अधिकार, मतदान अधिकार, शिक्षा और पुलिसिंग सुधारों की जरूरत है।

मुझे लगता है कि कुछ स्थानीय राजनेता भी उल्लेखनीय नेतृत्व दिखा रहे हैं, जिनमें सभी रंगों और राजनीतिक विचारधाराओं के मेयर शामिल हैं। मैं जब भी एटलांटा की मेयर कीशा लांस बॉटम्स को सुनता हूं तो मेरा मन होता है कि मैं जो बिडेन (पूर्व उपराष्ट्रपति) से पूछूं: ‘क्या आप कीशा का उपराष्ट्रपति पद के लिए साक्षात्कार ले रहे हैं?’

मैं इससे प्रभावित हुआ कि कैसे उन्होंने एटलांटा में हिंसा कम करने के लिए स्थानीय रैपर किलर माइक को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुलाया। माइक ने शहर से कहा: ‘यह आपका कर्तव्य है कि दुश्मन पर गुस्सा आने पर अपना घर न जलाएं। यह आपका कर्तव्य है कि आप अपने घर को मजबूत बनाएं ताकि आपका घर जरूरत पड़ने पर शरण देने वाला बने।

अब रणनीति बनाने, संगठित होने, इकट्‌ठे होने का समय है। यह समय है मतदान केंद्र जाकर उस प्रॉसीक्यूटर को जवाब देने का, जिसे आप पसंद नहीं करते। यह समय है मेयर ऑफिसों, प्रमुखों और उप-प्रमुखों को जिम्मेदार ठहराने का। मैं मेयर की सराहना करता हूं जिन्होंने ‘ब्लैक मामा’ की तरह हमसे बात की और हमें घर जाने को कहा।’

व्हाइट हाउस या रिपब्लिकन पार्टी से मदद नहीं मिलेगी, लेकिन देश समस्या सुलझाने वालों से भरा हुआ है। हमें ट्रम्प को जितना हो सके, नजरअंदाज करना चाहिए। उन्होंने खुद को समस्या का हिस्सा बना लिया है। लेकिन हम बिजनेस नेताओं, सोशल आंत्रप्रेन्योर्स और स्थानीय नेताओं को आगे बढ़ा सकते हैं, जो समाधान के लिए तैयार हैं।
(ये लेखक के अपने विचार हैं।)



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थाॅमस एल. फ्रीडमैन, तीन बार पुलित्ज़र अवॉर्ड विजेता एवं ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में नियमित स्तंभकार


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