स्पीकर के नोटिस के खिलाफ पायलट खेमे की याचिका पर आज राजस्थान हाईकोर्ट फैसला सुना सकती है। हाईकोर्ट मेंसुबह साढ़े 10.30 बजेफिर सुनवाई होगी। कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान स्पीकर सीपी जोशी की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखीं। सिंघवी ने कहा कि स्पीकर ने विधायकों को बस नोटिस भेजा है। अयोग्य नहीं ठहराया। उन्होंने कहा कि पायलट खेमे की याचिका प्री-मेच्योर है, यह खारिज होनी चाहिए।
पायलट गुट की तरफ से हरीश साल्वे ने दलीलें रखीं। साल्वे ने कहा कि सरकार गिराना अलग बात है और मुख्यमंत्री बनाना अलग बात है। इससे पहले शुक्रवार को भी उन्होंने कहा था किविधानसभा के बाहर किसी भी गतिविधि को दलबदल विरोधी अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।सत्र भी नहीं चल रहा है, ऐसे में व्हिप का कोई मतलब नहीं है।
अब तक ऐसे चला घटनाक्रम
- गुरुवार सुबह करीब 12 बजे सचिन पायलट समेत 19 विधायकों ने विधानसभा केनोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस दिन पहले 3 बजे सुनवाई हुई।सुनवाई को अमेंडमेंट की कॉपी नहीं होने पर15 मिनट में ही टाल दिया गया था,फिर5 बजे मामला डिविजनल बेंच को ट्रांसफर कर दिया गया।रात 8 बजे मामलाशुक्रवारतक के लिए टाल दिया गया।
- शुक्रवार को 1 बजे शुरू हुई सुनवाई शाम करीब 4.30 बजे तक चली। इसके बादकोर्ट ने सुनवाई 20 जुलाई तक टालते हुए कहा कि विधानसभा स्पीकर नोटिस पर मंगलवार शाम 5 बजे तक कोई एक्शन नलें।
- सोमवार को फिर शुरू हुई सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें रखीं। कोर्ट ने सुनवाई अगले दिन के लिए टाल दी।
स्पीकर को 21 जुलाई तक कार्रवाई ना करने के निर्देश
मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत पर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने पायलट समेत 19 विधायकों को 14 जुलाई को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों ना आपको विधानसभा के अयोग्य घोषित कर दिया जाए। पिछले हफ्ते सुनवाई में हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि विधायकों को दिए गए नोटिस पर स्पीकर21 जुलाई तक कार्रवाई नकरें।इसके बाद विधानसभा स्पीकर ने पायलट गुट के विधायकों को नोटिस का जवाब देने के लिए 21 जुलाई शाम 5.30 बजे तक का वक्त दिया।
बुधवार को विधानसभा का विशेष सत्र संभव
इसमें गहलोत सरकार विश्वास मत के जरिए बहुमत साबित कर सकती है। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। शनिवार को गहलोत ने राज्यपाल से भी मुलाकात की थी। नियमों के मुताबिक, अगर बहुमत साबित करने में गहलोत सरकार सफल हो जाती है तो फिर विपक्ष 6 महीने तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकता।
इन विधायकों को नोटिस दिया गया था
सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत।
हाईकोर्ट में एक दिन की पैरवी 1.75 करोड़ की
सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को दिए अयोग्यता नोटिस केस में देश के दिग्गज सीनियर एडवोकेट पायलट गुट के एमएलए और स्पीकर की ओर से हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे हैं। जानकारों की मानें तोशुक्रवार को की गई पैरवी की फीस ही करोड़ों में होगी। हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी व अभिषेक सिंघवी जैसे सीनियर एडवोकेट एक दिन की पैरवी के लिए ही 40 से 50 लाख रुपएफीस लेते हैं। राज्य के एजी एमएस सिंघवी भी स्पेशल केस में 11 से 15 लाख फीस लेते हैं। ऐसे में सचिन पायलट गुट औरस्पीकर की ओर से पैरवी करने वाले वकीलों की कुल फीस की बात करें तो यह करीब 1.75 करोड़ रुपए होती है।
अभिषेक मनु सिंघवी:विधानसभा स्पीकर की ओर से मुख्य तौर पर सीनियर एडवोकेट और कांग्रेस के नेताअभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं। सिंघवी ने ही अंबानी भाइयों के बीच विवाद में मुकेश अंबानी की ओर से पैरवी की थी। वे वोडाफोन के टैक्स संबंधी मामलों की पैरवी करने के लिए भी चर्चा में रहे हैं। सिंघवी किसी केस में एक दिन की पैरवी के लिए करीब 50 लाख रुपए तक लेते हैं।
हरीश साल्वे:इस केस में सचिन पायलट गुट की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे लंदन से पैरवी कर रहे हैं। साल्वे देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं और उन्होंने पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव मामले में भारत की ओर से इंटरनेशनल कोर्ट में पक्ष रखा था। कानून केजानकारों के मुताबिकसाल्वे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में एक दिन की पैरवी के लिए करीब 50 लाख रुपए तक लेते हैं। हिट एंड रन केस में एक्टर सलमान खान को बचाने वाले एडवोकेट साल्वे ही थे।
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