कारगिल युद्ध के 21 साल हो गए हैं। रविवार को विजय दिवस है। कहते हैं कि युद्ध का सबसे बुरा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। दो देश जब युद्ध लड़ते हैं तो उनकी अर्थव्यवस्था कई साल पीछे चली जाती है। पिछले बीस साल में भारत, पाकिस्तान से 10 गुना बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जो बीस साल पहले तक पाकिस्तान से 7 गुना बड़ी इकोनॉमी था। कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तान पर 2.55 लाख करोड़ का कर्ज था, जो अब बढ़कर 6.80 लाख करोड़ का हो गया है।
पिछले 21 साल में भारत-पाकिस्तान में कौन कितना आगे बढ़ा? किस देश की जीडीपी कितनी बढ़ी? इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट में क्या हालत है? कृषि और उद्योगों में दोनों देशों ने कितनी प्रगति की? इस रिपोर्ट में हम इन सभी सवालों का जवाब तलाशेंगे।
20 साल में भारत की जीडीपी में 7 गुना और पाकिस्तान की जीडीपी में 4 गुना ग्रोथ
1999 में भारत की जीडीपी 34.37 लाख करोड़ रुपए थी। वहीं, पाकिस्तान की जीडीपी हमसे 629% कम यानी, 4.71 लाख करोड़ रुपए थी। तब से लेकर अब तक भारत के जीडीपी में 526% का ग्रोथ हुआ जबकि पाकिस्तान की पहले से ही छोटी जीडीपी में 357% का ग्रोथ हुआ। 1999 में भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से सात गुना थी। बीस साल बाद भारत, पाकिस्तान से 10 गुना बड़ी अर्थव्यवस्था हो गया है।
20 साल में भारत की जीडीपी में एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी 62% बढ़ी, पाकिस्तान में 35% घटी
भारत 1999 में पाकिस्तान से ज्यादा एक्सपोर्ट करता था, तब भारत की तुलना में पाकिस्तान अपनी जीडीपी में एक्सपोर्ट से ज्यादा जरूर जोड़ता था, लेकिन भारत की जीडीपी 1999 में पाकिस्तान से 628% ज्यादा थी, इसलिए 1999 में भारत की जीडीपी में एक्सपोर्ट से जोड़ा जाने वाला 12% पाकिस्तान के 15% से कहीं ज्यादा था। आज यह अंतर और भी बढ़ गया है, पाकिस्तान से 10 गुनी बड़ी इकोनॉमी भारत अपनी जीडीपी में 19% एक्सपोर्ट से जोड़ रहा है जबकि पाकिस्तान की छोटी इकोनॉमी एक्सपोर्ट से अपनी जीडीपी में महज 11% ही जोड़ पा रही है।
1999 युद्ध के समय जीडीपी के हिसाब से भारत, पाकिस्तान से कम इम्पोर्ट करता था। लेकिन, 1999 से लेकर 2005 के बीच सिर्फ 6 सालों में भारत में इम्पोर्ट बढ़कर जीडीपी का 22% हो गया। 2005 से 2010 के बीच भी भारत में इंपोर्ट बढ़कर जीडीपी का 27% हो गया। वहीँ, इन 20 सालों में पाकिस्तान का इम्पोर्ट भी बढ़ा, लेकिन सिर्फ 3%।
भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी पाकिस्तान से 65% ज्यादा
1999 से लेकर 2005 तक भारत और पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति जीडीपी में कोई बहुत बड़ा फर्क नहीं था। लेकिन, पिछले 15 साल में भारत की प्रति व्यक्ति जनसंख्या बहुत ज्यादा होने के बाद भी पाकिस्तान से 65% ज्यादा है।
2019 में भारत में पाकिस्तान से 22 गुना विदेशी निवेश
भारत की तरह पाकिस्तान भी फॉरेन इन्वेस्टर्स के लिए ओपन इकोनॉमी है। लेकिन, पाकिस्तान में इन्वेस्टमेंट न आने के चलते वहां रैपिड इंडस्ट्राइलाइजेशन कभी नहीं हुआ। फॉरेन इन्वेस्टर न आने के पीछे दो फैक्टर हैं। पहला फैक्टर यह है कि पाकिस्तान में कट्टरपंथ और आतंकवाद और दूसरा फैक्टर लोगों की बाइंग पावर कम होना। 2005 के बाद दोनों देश में एफडीआई का अंतर लगातार बढ़ रहा है। सिर्फ 2019 में ही भारत में पाकिस्तान से 22 गुना ज्यादा फॉरेन इन्वेस्टर्स ने निवेश किया।
भारत की कृषि क्षेत्र से आय पाकिस्तान से सात गुना
भारत के पास पाकिस्तान से 6 गुना ज्यादा कृषि जमीन है। भारत के कृषि क्षेत्र की आय पाकिस्तान से सात गुना ज्यादा है। भारत की 2019 में कृषि से आय 34.3 लाख करोड़ रुपए थी। वहीं, पाकिस्तान की सिर्फ 4.6 लाख करोड़ रुपए थी। भारत की जीडीपी बड़ी है। इसलिए जीडीपी के हिसाब से कृषि क्षेत्र का योगदान घटा हुआ दिख रहा है। दूसरी तरफ पाकिस्तान की जीडीपी बहुत नॉमिनल बढ़ी है, दशकों से ग्रोथ रेट भी नॉमिनल है इसलिए पाकिस्तान की जीडीपी में कृषि की निर्भरता रिफ्लेक्ट हो रही है।
भारत के पास फॉरेन एक्सचेंज रिज़र्व 30 लाख करोड़ रुपए का है जबकि पाकिस्तान के पास करीब 52 हजार करोड़ रुपए का है। भारत के पास 557.77 टन गोल्ड रिज़र्व है जबकि पाकिस्तान के पास 64.50 टन गोल्ड रिज़र्व है। यानी, इकॉनमी के सारे इंडिकेटर पर पाकिस्तान, भारत से बहुत पीछे है।
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