जेईई एडवांस 2020 परीक्षा 27 सितंबर को देश के 212 शहरों में सुबह 9 से 12 बजे तक और दोपहर 2:30 से 5:30 बजे तक होने जा रही है। चूंकि, अब परीक्षा में सिर्फ 4 दिन ही बाकी हैं। तो जाहिर है कैंडिडेट्स की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी होगी। हालांकि, सिलेबस की तैयारी के अलावा भी कई सारी लर्निंग्स ऐसी हैं, जिन्हे परीक्षा में बेहतर स्कोर करने के लिए समझना बहुत जरूरी है।
परीक्षा हॉल में प्रवेश के बाद कुछ ऐसी गलतियां होती हैं। जिन्हें करने का मलाल आपको एग्जाम के बात होता है। ये बहुत ही कॉमन मिस्टेक हैं, जिन्हें अधिकतर स्टूडेंट्स करते ही हैं। आप इन गलतियों से बच सकते हैं, जेईई एडवांस परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कैंडिडेट्स के अनुभवों के जरिए।
आपके इसी काम को आसान बनाने के लिए हमने बात की है जेईई एडवांस- 2019 के टॉपर कार्तिकेय गुप्ता से। वे बता रहे हैं कि पेपर सॉल्व करने की कौन-सी स्ट्रैटजी आपके लिए बेहतर साबित होगी। और किन गलतियों से आपको बचना है।
23 सितंबर से 26 सितंबर तक क्या करें?
हर यूनिट को एक बार रिवाइज कर लें। क्योंकि, कई बार एग्जाम में सवाल को देखकर एकदम दिमाग में यह क्लिक नहीं हो पाता कि ये किस टॉपिक से पूछा गया है। इसलिए आखिरी समय में हर यूनिट पर एक नजर डालना जरूरी है। मॉक टेस्ट में कम मार्क्स आने से अगर आपको टेंशन होती है, तो इन आखिर के 4 दिनों में मॉक टेस्ट न दें। क्योंकि, इस समय माइंड को फ्रेश और तनावमुक्त रखना बहुत जरूरी है।
एग्जाम हॉल में प्रवेश के बाद...
कॉन्सेंट्रेशन बनाए रखने के लिए आपका कंफर्टेबल होना बहुत जरूरी है। मामूली दिखने वाली समस्याएं भी परीक्षा के दौरान कैंडिडेट का ध्यान भटकाती हैं। इससे बचने के लिए 3 पॉइंट की इस चेक लिस्ट को फॉलो करें
- जहां आप बैठे हैं, वहां हद से ज्यादा कूलिंग या ज्यादा गर्मी न हो।
- सीट 3 घंटे कंफर्टेबल बैठने लायक हो।
- सीट के पास कोई विंडो नहीं होनी चाहिए, जिससे वॉइस डिस्टरबेंस आ रहा हो।
पेपर मिलने के बाद के 15 मिनट
पेपर शुरू होने से 30 मिनट पहले कैंडिडेट को कम्प्यूटर अलॉट हो जाता है। क्वेश्चन पेपर 15 मिनट पहले मिलता है। यही वह समय है, जब आपको पेपर सॉल्व करने की स्ट्रैटजी बनानी है। सारे सेक्शन पर एक नजर डालें। फिर तय करें कि सबसे आसानी से आप पेपर के किस हिस्से को सॉल्व कर सकते हैं। उसी से शुरूआत करें।
मैथ्स से शुरुआत करना बैड आइडिया हो सकता है
जेईई एडवांस में मैथ्स के सवाल अन्य सेक्शन की तुलना में ज्यादा समय लेते हैं। इसलिए मैथ्स से शुरुआत करना बैड आइडिया हो सकता है। क्योंकि लंबा समय बीतने के बाद भी कम सवाल हल हो पाते हैं, तो आप पैनिक होंगे। इस पैनिक से बचने के लिए अधिकतर स्टूडेंट्स पहले केमिस्ट्री को अटेंप्ट करना ही पसंद करते हैं। यही सही भी है।
श्योर रहें, कि कौन-सा टॉपिक मजबूत है और कौन- सा कमजोर
हर कैंडिडेट की कुछ वीकनेस होती हैं और कुछ स्ट्रेंथ। चूंकि अब पेपर में सिर्फ 4 दिन बचे हैं तो ये इस बात को लेकर पैनिक होने का समय नहीं है कि कुछ टॉपिक आप अच्छे से कवर नहीं कर पाए। स्थिति को स्वीकार करते हुए श्योर रहें कि आपका कौन-सा टॉपिक मजबूत है और कौन-सा कमजोर। इससे पेपर अटेंप्ट करते वक्त आपको तय करने में आसानी होगी कि किन सवालों को पहले सॉल्व करना है।
रीडिंग मिस्टेक और अटेंटिव न रहने से होता है बड़ा नुकसान
जाहिर है स्टूडेंट्स का पूरा फोकस सवालों को हल करने पर ही रहता है। लेकिन, जेईई एडवांस के पेपर में कई बार ऑप्शन कंफ्यूजिंग होते हैं। इसलिए सवाल को पढ़ना भी उतना ही जरूरी हो जाता है, जितना उसे सॉल्व करना। छोटी-छोटी रीडिंग मिस्टेक्स भी आपके स्कोर का बड़ा नुकसान कर सकती हैं। सवाल को ठीक से पढ़ना और सवाल को न भूलना बहुत जरूरी है। इसे दो उदाहरणों से समझिए।
एक नजर में एग्जाम पैटर्न
जेईई एडवांस में कैंडिडेट्स को दो पेपर सॉल्व करने होते हैं। पेपर-1 और पेपर-2 । हर पेपर के लिए कैंडिडेट को 3 घंटे का समय दिया जाएगा। पेपर-1 के बाद 2 घंटे का ब्रेक होगा। सभी सवाल फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स पर आधारित होंगे।
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