बिहार में चुनाव है। तीन फेज में वोटिंग होनी है। आज पहले फेज की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 1 हजार 66 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 952 पुरुष और 114 महिलाएं हैं। दूसरे फेज की वोटिंग 3 नवंबर और तीसरे फेज की वोटिंग 7 नवंबर को होगी। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे।
कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया है। लेकिन, अलग-अलग सीटों पर वोटिंग खत्म होने का समय अलग-अलग है। 4 सीटों पर सुबह 7 से शाम 3 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 26 सीटों पर शाम 4 बजे तक, 5 सीटों पर 5 बजे तक, बाकी 36 सीटों पर 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे।
पहले फेज की 6 बड़ी बातें
- सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार गया टाउन और सबसे कम 5 उम्मीदवार कटोरिया सीट पर।
- सबसे ज्यादा 42 सीटों पर राजद, 41 पर लोजपा और 40 पर रालोसपा चुनाव लड़ रही है। भाजपा 29 पर और उसकी सहयोगी जदयू 35 पर मैदान में है। 22 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हैं।
- 31 हजार 371 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें 31 हजार 371 कंट्रोल यूनिट और VVPAT यूज होंगे। 41 हजार 689 EVM का इस्तेमाल होगा।
- वोटर के लिहाज से हिसुआ सबसे बड़ी विधानसभा है। यहां 3.76 लाख मतदाता हैं। इनमें 1.96 लाख पुरुष, 1.80 लाख महिला और 19 ट्रांसजेंडर हैं।
- वोटर के लिहाज से बरबीघा सबसे छोटी विधानसभा है। यहां 2.25 लाख वोटर हैं। इनमें 1.17 लाख पुरुष, 1.08 लाख महिलाएं हैं।
- 328 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस। 375 करोड़पति।
प्रचारः मोदी ने 3, राहुल ने दो रैलियां कीं; नीतीश की 56 और तेजस्वी की 44 रैलियां हुईं
नरेंद्र मोदीः प्रधानमंत्री ने 23 अक्टूबर को सासाराम, गया और भागलपुर में रैलियां कर 24 सीटें कवर करने की कोशिश की। रैलियों में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का जिक्र किया। गलवान घाटी में चीन के साथ हुई झड़प की बात भी की।
राहुल गांधीः राहुल ने भी प्रधानमंत्री की ही तरह 23 अक्टूबर को नवादा और भागलपुर में दो रैलियां कर 12 सीटें कवर करने की कोशिश की। रैलियों में रोजगार, प्रवासी मजदूर और चीन का मुद्दा उठाया। नए कृषि कानूनों का जिक्र भी किया। नीतीश का नाम तक नहीं लिया।
नीतीश कुमारः 14 अक्टूबर से 26 अक्टूबर के बीच 13 दिनों में 56 रैलियां कीं। इनमें से 3 में नीतीश प्रधानमंत्री के साथ थे। रैलियों के अलावा नीतीश ने 6 बार ‘निश्चय संवाद’ के जरिए कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। रैलियों में "15 साल बनाम 15 साल" का जिक्र बार-बार हुआ। इनमें अपने लालू के 15 साल की तुलना की।
तेजस्वी यादवः 16 अक्टूबर से 26 अक्टूबर के बीच 44 रैलियां की। 2 में राहुल के साथ थे। पहले फेज के प्रचार के आखिरी दिन 26 अक्टूबर को सबसे ज्यादा 15 रैलियां कीं। अपनी रैलियों में ज्यादातर युवाओं को सरकारी नौकरी देने की बात की। उनका वादा 10 लाख नौकरियां देने का है।
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