राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पत्नी मेलानिया कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। चुनाव में पांच हफ्ते से भी कम वक्त बचा है। लिहाजा, ट्रम्प के लिए यह मुश्किल दौर है। सवाल ये है कि क्या वे संक्रमण से उबरने के बाद भी कैम्पेन में हिस्सा ले पाएंगे। अगर वे कामकाज नहीं कर पाए तो फिलहाल उनकी जिम्मेदारी उप राष्ट्रपति माइक पेन्स निभाएंगे। अगर पेन्स भी पॉजिटिव हो जाते हैं तो सीनेट स्पीकर नैंसी पेलोसी यह जिम्मेदारी निभाएंगी।
लापरवाह रवैये का खामियाजा
ट्रम्प कई महीनों या कहें महामारी की शुरुआत से ही इसकी गंभीरता को नजरअंदाज करते दिखे। इसे मामूली फ्लू बताते रहे। मास्क को भी गंभीरता से नहीं लिया। जबकि, अमेरिका में मौतों का आंकड़ा 2 लाख से ज्यादा हो गया है। वे कहते रहे- वायरस जल्द ही गायब हो जाएगा, इस पर काबू पा लिया गया है। वैज्ञानिकों का मजाक भी उड़ाया। जिस दिन राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। 1 हजार लोगों को साथ ले गए। रैलियों में हजारों लोग जुटे। न राष्ट्रपति ने मास्क लगाया और न समर्थकों ने।
मेडिकल एडवाइज भी नहीं मानी
ट्रम्प जिंदगी के 80वें दशक में हैं। रिसर्च बताते हैं कि 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा है। अमेरिका में जिन लोगों की संक्रमण से मौत हुई, उनमें हर 10 में से 8 व्यक्ति 65 साल या इससे ज्यादा उम्र के थे। ट्रम्प अपनी सेहत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं देते। नवंबर में वे वॉशिंगटन के मिलिट्री मेडिकल सेंटर गए थे। तब कुछ कयास लगाए गए थे। उनकी लंबाई 1.9 मीटर (6.2 फीट) है। लेकिन, इसके लिहाज से वजन (110.2 किलोग्राम) ज्यादा है। हाई कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत है। लेकिन, उनके डॉक्टर राष्ट्रपति की सेहत ‘बेहतरीन’ बताते हैं।
व्हाइट हाउस ने क्या किया
व्हाइट हाउस का ज्यादातर स्टाफ वर्क फ्रॉम होम है। जो ऑफिस आ रहे हैं, उन्हें मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होता है। ट्रम्प और पेन्स के अलावा जो उनके संपर्क में रोज आते हैं, उनका भी डेली बेसिस पर टेस्ट किया जाता है। लेकिन, पिछले कुछ दिनों से व्हाइट हाउस का ज्यादातर स्टाफ मास्क नहीं लगा रहा। कम से कम जब राष्ट्रपति मौजूद हैं तो वे मास्क बिल्कुल नहीं लगाते, क्योंकि ट्रम्प खुद भी यही करते हैं। अब अगर, ट्रम्प में संक्रमण के लक्षण पाए जाते हैं या वे ज्यादा बीमार होते हैं तो हालात खराब हो जाएंगे।
संविधान क्या कहता है
अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन के मुताबिक, अगर राष्ट्रपति की सेहत ठीक न हो और इस वजह से वे काम न कर पा रहे हैं तो अस्थायी तौर पर उनके पावर्स यानी शक्तियां वाइस प्रेसिडेंट को ट्रांसफर हो जाती हैं। पहली बार यह कानून 1967 में बना। 1985 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की सर्जरी हुई। उन्होंने कुछ वक्त के लिए अपने पावर्स तब के उप राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को सौंप दिए। जब बुश राष्ट्रपति बने तो 2002 और 2007 में दो बार उन्होंने अपनी शक्तियां उप राष्ट्रपति डिक चेनी को सौंपीं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैली मैकेनी के मुताबिक, हम राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति दोनों को स्वस्थ रखेंगे। फिलहाल, वे स्वस्थ ही हैं और ऐसे ही रहेंगे। अमेरिकी इतिहास में सिर्फ दो राष्ट्रपति पद पर रहते हुए गंभीर रूप से बीमार हुए। पहले थे- जॉर्ज वॉशिंगटन। उन्हें इन्फ्लूएंजा हुआ था। दूसरे वुडरो विल्स। उन्हें भी यही बीमारी हुई थी।
चार राष्ट्रपति मारे गए
अमेरिकी इतिहास में चार राष्ट्रपति ऐसे हुए, जिनका निधन पद पर रहते हुए और प्राकृतिक कारणों से हुआ। ये थे- विलिमय हेनरी हैरिसन, जेचेरी टेलर, वॉरेन जी. हार्डिंग और फ्रेंकलिन डी. रूजवेल्ट। अब्राहम लिंकन, जेम्स ए. गारफील्ड, विलियम मैक्केनले और जॉन एफ कैनेडी की कार्यकाल के दौरान हत्या कर दी गई थी। हालांकि, रीगन (1981) के बाद ट्रम्प पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जो पद पर रहते हुए इतनी गंभीर बीमारी से पीड़ित हुए।
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