कंडम हो गया स्कूल भवन, पुलिस आती नहीं इसलिए गांव में घूमते हैं तड़ीपार

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्‌टर की दूसरी पारी का एक साल आज पूरा हो गया। उन्होंने हर दफा शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर चुनावी वादे किए। लगभग 6 साल में प्रदेश के मुखिया के वादे जमीन पर कितने सच हुए, यह जानने के लिए भास्कर उनके गांव बनियानी पहुंचा। पता चला कि सिर्फ बातें होती रहीं, काम नहीं। बनियानी रोहतक में है।

सफाई के लिए एक गली का नंबर कई दिन बाद आता है तो गांव के अस्पताल में एम्बुलेंस नहीं है, जो पहले हुआ करती थी। पुलिस सिर्फ दिखावे के लिए आती है, नियमित गश्त नहीं हो रही है। स्कूल बिल्डिंग कंडम हो चुकी है, नई अब तक बन नहीं पाई है। गांव का कथित डस्टबिन घोटाला पिछले समय पूरे हरियाणा में सुर्खियों में आ चुका है। मुख्यमंत्री के गांव के यह हालात बता रहे हैं कि पूरे हरियाणा के गांवों की तस्वीर क्या होगी।

गांव बनियानी में गली में जोड़ पर नाली ओवरफ्लो होने के कारण हाल ऐसा है कि आने-जाने के लिए कदम आगे बढ़ाने से पहले एक दफा सोचना जरूर पड़ेगा।

स्वास्थ्य: अस्पताल है लेकिन एम्बुलेंस नहीं
गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन सिर्फ नाम का। पहले एम्बुलेंस थी अब वह भी नहीं है। अधिकतर मरीजों को कलानौर या रोहतक रेफर करना पड़ता है। हालात ये हैं कि यहां शुगर जैसी मामूली जांच भी नहीं हो पाती। खांसी-बुखार जैसी बीमारियों के लिए गोलियां दे दी जाती हैं। गांव वालों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधा पर हर चुनाव में जिस तरह के वादे किए गए, उन पर अमल नहीं कराया जा सका।

सफाई: कर्मचारी बदल गए, लेकिन हालात नहीं
गांव के सुनील, अशोक बताते हैं- नालियां ओवरफ्लाे हैं। कूड़े के ढेर चौराहों पर नजर आते हैं। हालांकि, पिछले साल चुनाव घोषित होते ही मुख्यमंत्री खट्‌टर गांव में आए थे। ग्रामीणों ने सफाई कर्मचारी को हटाने की मांग की थी। डिप्टी कमिश्नर ने नए सफाई कर्मचारी तैनात किए थे। हकीकत यह है कि वे पूरी तरह गांव की साफ-सफाई नहीं कर रहे हैं। सरपंच के पति बंसी विज कह रहे हैं कि जब तक लोग साफ-सफाई जागरूक नहीं होंगे, समस्या बनी ही रहेगी।

सुरक्षा: नशेड़ियों और आदतन बदमाशों से तंग हैं लोग
गांव के मुख्य मार्ग पर कई बार वारदातें हो गईं। जन्माष्टमी के दिन घटना का शिकार हुए राकेश ने कहा कि काम से लौटते वक्त नशेड़ियों ने रोका और बाइक की चाबी, मोबाइल छीन लिया। जेब से 12 हजार रुपए निकाले और बंधक बनाकर दूर तक ले गए। बाइक लौटा दी, लेकिन पैसे नहीं लौटाए। अन्य के साथ भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। ग्रामीण राजेश ने कहा 2016 में हमला हुआ था। मामला बड़े लेवल पर उठा तो हाईकोर्ट के आदेश पर 11 लोगों को तड़ीपार किया गया था, लेकिन वे गांव में ही घूमते रहते हैं। मुझ पर और पिता पर 2-3 बार हमले हो चुके हैं। सरपंच खुद ऐसे लोगों को संरक्षण देते हैं।

शिक्षा : स्कूल बिल्डिंग नए सिरे से बनेगी तब लगेगी कक्षा
यहां 12वीं तक स्कूल तो है, लेकिन भवन जर्जर हो चुका है। नए सिरे से उसे बनवाने के लिए पुरानी बिल्डिंग का कुछ हिस्सा तोड़ना पड़ा। काम बीएंडआर विभाग द्वारा कराया जा रहा है। निर्माण अभी तक 50 से 60% ही हो पाया है। सरपंच की ओर से कहा जा रहा है कि 80% काम हो चुका है।

बारी-बारी से होती है सफाई, बुलावे पर आ जाती है एंबुलेंस: सरपंच
गांव की सरपंच के पति बंसी विज ने कहा कि 8500 की आबादी वाले गांव में चार ही कर्मचारी हैं। गलियों में सफाई का नंबर बारी-बारी से आता है। अस्पताल ठीक है और डाक्टर भी हैं। एम्बुलेंस बुलावे पर आ जाती है। पुलिस गश्त के लिए अफसरों से बात करूंगा। मैंने किसी को शह नहीं दी। स्कूल भवन जल्द बन जाएगा। डस्टबिन घोटाले का आरोप गलत है। आचार संहिता वगैरह के चलते यह काम बीडीपीओ को सौंप दिया गया था। उनके आदेश पर गांव में डस्टबिन आए थे, जो स्टॉक में हैं।



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School building condensed, police do not come so Tadipar roam the village


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