मिलान.इटली में 31 जुलाई तक लॉकडाउन है। बीते एक हफ्ते में एक लाख से ज्यादा लोगों ने नियम तोड़ा है। ऐसे में सख्ती बढ़ाने के साथ जुर्माना 25 गुना बढ़ा दिया गया है। अब लॉकडाउन का नियम तोड़ने पर 17 हजार की जगह 2.5 लाख रुपए लगेंगे। लोगों को रोकने के लिए सड़कों पर सेना लगाई गई है। इसका असर भी हो रहा है। संक्रमित मामले बढ़ने की दर 8% पहुंच गई है, जो 21 फरवरी के बाद सबसे कम है।
प्रधानमंत्री जिजेज्पी कौंटे ने खुद यह घोषणा की है। इसके अलावा लॉकडाउन के नियम और सख्त कर दिए गए हैं। लोग अपने घर के 200 मीटर के दायरे के बाहर कुत्ते को नहीं टहला सकेंगे। इटली के मिलान में ऑनलाइन स्टोर में 21 दिन की वेटिंग आ रही है। यहां सुपरमार्केट से मामूली सामान खरीदने पर एक व्यक्ति को छह से सात घंटे लग रहे हैं। यहां बालकनी और खिड़कियों पर खड़े होकर लोग एक-दूसरे को हिम्मत दे रहे हैं। इटली की एकता के गीत गाए जा रहे हैं। ज्यादातर लोग राष्ट्रीय गीत गा रहे हैं। लोग अपने खिड़कियों पर इटली के ध्वज को लगा रहे हैं। हालांकि यहां के बिजनेसमैन और इंडस्ट्री के लोग अस्पतालों को दिल खोलकर डोनेट कर रहे हैं।
चीन-हुबेई ने पकड़ी रफ्तार, ट्रेनों और एयरपोर्ट में भीड़; 21 हजार स्वास्थ्यकर्मी अपने घर लौटने लगे
चीन के हुबेई प्रांत में जिंदगी फिर पटरी पर लौट रही है। यहां 6 करोड़ लोग घरों में कैद थे। लॉकडाउन हटने के बाद बुधवार को हुबेई में ट्रेनों, एयरपोर्ट और बसों में लोगों की भीड़ रही। सुरक्षाकर्मी भीड़ को शांतिपूर्ण ढंग से नियंत्रित कर रहे थे। अन्य इलाकों में फंसे हुबई के लोग भी घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं। करीब दो हजार लोग एक दिन में सड़क मार्ग से माचेंग लौटे। कोरोना का केंद्र रहे वुहान शहर में भी बसें शुरू हो गईं। इन बसों को 30 हाईवे समेत 117 मार्गों पर चलाने की अनुमति दी गई है। प्रशासन ने हुबई आने-जाने के लिए ग्रीन हेल्थ कार्ड जारी किए हैं। ये कार्ड उन्हें दिए गए हैं, जो संक्रमित नहीं हैं। हुबेई से 21 हजार स्वास्थ्य कर्मी अपने घर लौट गए हैं। साथ ही यहां फंसे लोग भी अपने शहर लौटने लगे हैं।
ब्रिटेनः कारों में बनाए जा रहे हॉस्पिटल के वार्ड, कमजोरों-बूढ़ों को उनके हाल पर छोड़ा जा रहा
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के मुताबिक लंदन में चार दिन में इंटेंसिव केयर बेड पूरी तरह से भर जाएंगे। पूरे ब्रिटेन में यह स्थिति अगले 14 दिन में हो सकती है। डेली टेलीग्राफ ने हैरो में नार्थविक पार्क हॉस्पिटल की एक नर्स के हवाले से छापा है कि उसे निर्देश दिए गए हैं कि कोविड 19 के गंभीर रोगियों को मरने के लिए छोड़ दिया जाए। इटली की तरह ही एेसे लोगों से वेंटिलेटर हटा लिए जाए। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके। प्राथमिकता युवाओं को बचाना है, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है और इसके लिए वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती हैै। इस सीनियर नर्स ने बताया कि हमारे पास पर्याप्त संसाधन नहीं बचे हैं। मेडिकल वर्कर्स ने कारों में वार्ड बनाया है। ताकि अस्पताल के बाहर भी लोगों का इलाज किया जा सके।
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