क्या हो रहा है वायरल: पुलिस की हिरासत में खड़े एक शख्स की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फोटो के साथ वायरल हो रहे मैसेज में दावा किया जा रहा है कि गिरफ्तार शख्स असम कांग्रेस का नेता अमजात अली है। पुलिस ने अमजात के पास से हथियार और गोलियां बरामद की हैं। ये शख्स आतंकी हमले की तैयारी में था।
इस दावे के साथ एक दूसरी फोटो भी शेयर की जा रही है। जिसमें सेब की पेटी के अंदर से बरामद किए गए बम दिख रहे हैं।
असम के कांग्रेस नेता अमजात अली सेब की पेटी में हथियार और गोलियां के साथ हिरासत में लिए गए।
— 🚩🇮🇳उमा शंकर राजपूत 🇮🇳🚩6k (@UmaShankar2054) November 5, 2020
हिंदुओं से भाईचारा निभाने का प्लान था
बस पुलिस ने सब गड़बड़ कर दी। pic.twitter.com/9PyhPNy08l
और सच क्या है?
पहली फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें बांग्ला भाषा में लिखे एक ब्लॉग पोस्ट में यही फोटो मिली। चूंकि ब्लॉग 2 साल पुराना है, मतलब साफ है कि यह हाल ही का कोई मामला नहीं है। फोटो से जुड़ा पूरा घटनाक्रम समझने के लिए हमने ब्लॉग को गूगल ट्रांसलेटर की मदद से इंग्लिश में ट्रांसलेट किया।
- ब्लॉग में दी गई जानकारी के मुताबिक, फोटो में हाथ में हथकड़ी पहने दिख रहे शख्स का नाम मुबारक हुसैन है। मुबारक एक मदरसा टीचर है, जिसे नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता ने दुष्कर्म के बाद आत्महत्या कर ली थी।
- ब्लॉग में फोटो से जुड़ी जानकारी सही दी गई है या नहीं। इसकी पुष्टि के लिए हमने मामले से जुड़े अलग-अलग कीवर्ड गूगल पर सर्च कर मीडिया रिपोर्ट्स तलाशनी शुरू कीं। The Daily Star की वेबसाइट पर भी इस मामले से जुड़ी खबर 6 मई, 2018 को प्रकाशित की गई है।
- साफ है कि गिरफ्तार हुआ शख्स कांग्रेस नेता अमजात अली नहीं, बांग्लादेश का मदरसा टीचर मुबारक है। फोटो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। पड़ताल के अगले चरण में हमने उस दूसरी फोटो की सत्यता जांचनी शुरू की जिसमें सेब की पेटी से जब्त किए गए बम दिख रहे हैं।
- फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें जम्मू कश्मीर पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से किया गया 2 साल पुराना ट्वीट मिला। 29 अक्टूबर, 2018 को श्रीनगर में तीन अतिवादियों के पास से पुलिस ने सेब की पेटी में छुपाकर रखे यह बम बरामद किए थे।
A brief exchange of fire on the outskirts of Srinagar city. Three suspected militants arrested among them one is injured.Arms and ammunition recovered. Investigations started. pic.twitter.com/lT9AoRnu5H
— J&K Police (@JmuKmrPolice) October 29, 2018
- साफ है कि वायरल हो रही दोनों तस्वीरों का आपस में कोई संबंध नहीं है। गिरफ्तार खड़ा दिख रहा शख्स बांग्लादेश का टीचर है। वहीं जब्त किए गए बम श्रीनगर के हैं। दोनों ही मामले 2 साल पुराने हैं। फोटो के साथ किया जा रहा असम कांग्रेस के मुस्लिम नेता वाला दावा पूरी तरह फेक है।
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